इन्वेस्टमेंट की सीढ़ियां चढ़ना चाहते है तो जान लें शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के बीच का अंतर
आमतौर पर जब भी आप इन्वेस्टमेंट करने जाते हैं तो आपके मन में भी यही सवाल आता होगा कि आपको लॉन्ग टर्म में निवेश करना चाहिए या फिर शॉर्ट टर्म में. ऐसा माना जाता है कि शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट 3 साल से कम के लिए किया जाता है और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट 10 साल या उससे उपर का होता है.
Investment: किसी भी इन्वेस्टमेंट प्लान को चुनने से पहले, इन्वेस्टर को इस बात की अच्छे से जानकारी होनी चाहिए कि जो प्लान वे चुन रहे है उसे उसका कितना फायदा या जरूरत है. ये इन्वेस्टमेंट आपके - शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म गोल्स को पूरा करती है. लेकिन ये इन्वेस्टमेंट करते समय लोगों को अक्सर ये कन्फ्यूजन होता है कि उनके लिए कौन सी ज्यादा फायदेमंद है. आइए जानते है शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के बीच का अंतर क्या है.
शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट
शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट वो गोल्स होते है जिन्हें आप कुछ महीने या 1 से 2 साल के अंदर हासिल करना चाहते है. जैसे नया फोन खरीदना, ट्रैवलिंग, लोन का पेमेंट करने के लिए या एक इमरजेंसी फंड शुरू करना. ये आमतौर पर कम जोखिम वाले होते हैं. इन गोल्स तक पहुँचने के लिए, आपको अपनी इनकम और खर्चों का बजट बनाना होगा, और अपने पैसे का एक हिस्सा किसी सेफ और जहां से आपके पैसों को निकालते समय आसानी हो, ऐसी इन्वेस्टमेंट स्कीम में पैसा जमा करना होगा.
मिड टर्म इन्वेस्टमेंट
मिड टर्म इन्वेस्टमेंट वे हैं जिन्हें आप एक से पांच साल में हासिल करना चाहते हैं, जैसे कार खरीदना, स्टूडेंट लोन, घर खरीदना या कोई बिजनेस शुरू करना. इस इन्वेस्टमेंट में आपको बाजार के उतार-चढ़ाव, रिटर्न में बदलावों का सामना करना पड़ सकता है. इन गोल्स तक पहुंचने के लिए आपको अपनी इनकम और खर्चों का बजट बनाकर, अपने पैसों का एक हिस्सा किसी सेफ और हाई रिटर्न स्कीम में लगाना होगा. जैसे कि म्यूचुअल फंड, FD या कोई दूसरा भरोसेमेंद ऑप्शन चुन सकते है.
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट
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लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट वे हैं जिन्हें आप पांच साल से ज्यादा समय में हासिल करना चाहते हैं, जैसे घर खरीदना, रिटायरमेंट के लिए बचत करना, विदेश में पढ़ाई या भारी लोन चुकाना. ये इन्वेस्टमेंट आमतौर पर ज्यादा जोखिम वाले होते हैं. इन गोल्स तक पहुंचने के लिए, आपको अपनी इनकम और खर्चों का एनालिसिस करना होगा, और अपने पैसे का एक हिस्सा ग्रोथ ओरिएंटेड और लंबे समय तक चलने वाले तरीके से इन्वेस्टमेंट करना होगा, जैसे स्टॉक, बॉन्ड या प्रोविडेंट फंड. इसके अलावा बाजार में इन्वेस्टमेंट के लिए कई और ऑप्शन है जो आपको हाई रिटर्न देकर आपके गोल्स को पूरा करने में मदद करेंगे.
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06:24 PM IST